
सोचा नहीं था कभी दिन ऐसे भी बिताने होंगे
जीना भी जरूरी होगा , अहसान भी उतारने होंगे।
कोई दर्द पुराना भुलाने को नये दर्द जगाने होंगे
मुस्कुराना भी जरूरी होगा ,आँसू भी छिपाने होंगे।
हाथों को उठाऊं दुआ में या सजदे पे सिर झुका लूं
रूठी किस्मत को मनाने के नये तरीके आज़माने होंगे
अब कोई क्या सिखाएगा जीने का हमें सलीका
गिरना भी जरूरी होगा, नये तजुर्बे भी पाने होंगे।
तुम्हें खोकर पा लूं मैं या फिर तुममें ही कहीं खो जाऊं
रिवाज़ पुराने मिटाकर, नये रिवाज़ बनाने होंगे
अगर यकीन नहीं आता तो बिछड़ कर देख लो
कहानी नई बनेगी , किरदार वही पुराने होंगे।