
कभी जिंदगी मिले तो ,
उससे ये कहूंगा,
मुझे कोरा फिर कर दो ,
नये जवाब फिर लिखू़ंगा।
जीवन की उलझनों ,
और कशमकश में,
कुछ तुम रंग भर दो ,
कुछ रंग मैं भरूंगा।
मुश्किलों से मिली हो,
ज़रा थोड़ी देर ठहरो,
आगाज़ तुम कर दो,
अंजाम मैं बनूंगा।
जो मिलें ना लफ्ज़ तुमको,
तो ख़ामोश ही रहना,
आँखों से तुम कह दो,
इशारों को मै पढूंगा।
ये आरज़ू है मेरी,
तुम्हें फिर से समझ लूँ,
रास्ता तुम दिखा दो,
उन पर मैं चलूंगा।
मिले साथ तुम्हारा,
मुझे हर जनम में,
हाथों को तुम उठा लो,
दुआ मैं करूंगा।